मनुष्य की सोच !! आज इस पल में तू खुश है , कल जाने कब तुझे रोना है।। जीले जी भर के इस पल को , जाने कल क्या होना है।। तू है मुसाफिर उस सफ़र का , जहा कभी कुछ पाना है - कभी खोना है।। तू खुद को कह ले कठपुतली , पर हाँ तू एक खिलौना है।। इस भाग दौड़ भरे जीवन में , जहा सबसे महंगा सोना है।। तेरा मालिक तू खुद ही नहीं , यह सच थोरा सा घिनोना है।। तू चलता , गिरता , उठता है , क्यूंकि कद में तू बौना है।। तू खुद को कर ले यूँ बुलंद , की तुझको साबित होना है।। ईश्वर के जवाब !! बन जा पतंग का वो मंझा , जो कट के भी चोट दे जाये।। लाख तुफानो को भी तू , हँसते हँसते सह जाये।। बन जा सूरज की वो किरण , जो जग में उजियारा कर जाये।। तेरी आहत की हो खबर , तो दुश्मन भी तुझसे दर जाये।। बन जा शब्दों की वो मिश्री , जो पत्थर दिल भी पिघल जाये।। बन जा इश्वर की वो भक्ति , जो हर गम का घूंट निगल जाये।। बन जा हर नजर की वो सूरत , की हर
Posts
Showing posts from January, 2013