ना रे, कहा रोइ मैं?

ना रे, कहा रोइ मैं?
वो तो उबासी ली,
तो आँसू आ गये।
देख मुस्कुरा रही हु,
देख घूमने जा रही हु।
देख सबसे हंस के,
फरमा रही हूँ।।
अरे उन आँखों का,
क्या दोश?
वो जज़्बाती हैं ज़रा।
भर आती हैं,
किसी का जाना देखकर।
पथरा जाती हैं,
फिर ज़माना देखकर।।
चलो मान लेते हैं,
हाँ रो दिये थे हम।
एक क्षण के लिये,
खुद को खो दिये थे हम।।
समेट लिया ना,
संभल जायेगे।
बस प्रॉमिस नहीं करते,
की फिर से मुस्कुरायेगे।।

$शिवि$

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