गम छिपाए रखते है!!
मुस्कराहट से अपनी , हम गम छिपाए रखते है।
पलकों की आड़ में, आंसू दबाये
रखते है।।
ग़लतफ़हमी है जग को , की
कोई गम नहीं हमें।
दुनिया को हम अपनी , खुशिया बताये
रखते है।।
इम्तेहानो को हम अपना , हौसला
दिखाए रखते है।।
डर भी कभी कभी , दे देता
है दस्तक।
डर को भी
हम अपने , फाटक दिखाए
रखते है।।
दिल भी कभी कभी , रो देता
है थककर।
दुनिया को हम हरदम , पत्थर दिखाए
रखते है।।
बेशक्ल दुनिया को , सूरत ही
है काफी। इसीलिए भी हम
अपना , यह दिल
छिपाए रखते है।।
शाबाश
ReplyDeletethanks :)
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