सपनो का प्यार !!

तरसे है उसके दीदार को, जो सपनो में बसता है।
मेरी हर बात पर वो, खिलखिला के हँसता है।
उसकी मुस्कराहट पर, दिल हारने का मन करता है।
आँखे खुलने पर, दिल उसे खोने से डरता है।

सपनो का राजा है, महलो में रहता है।
मैं उसकी रानी हु, सपनो में कहता है।
नींद नहीं आये तो, दिल जुदाई क्यों सहता है।
मिलने नहीं आये तो, दिल अश्को से रोता है।

लोग कहते है, सपने सच नहीं होते।
सुनते ही यह शब्द, दिल उमीदें क्यों खोता है।
क्या सपनो का प्यार, कभी सच नहीं होता है ?
क्या सच्चा प्यार, सिर्फ सपनो में ही होता है ?

आँखों में उसके, बहुत प्यार है,
लगता भी दिल से, बड़ा दिलदार है।
बातों से दिल जीत लेता है,
मुझे अपनी और, पलकों से खीच लेता है।

उसकी हर आदत से वाकिफ हु,
हर रोज़ जो मिलती हु।
कहते है लोग, इश्क़ में नींदे उड़ जाती है।
पर में तो उससे हमेशा, सपनो में मिलती हु।

कभी लड़ता है, खफा होता है, कभी हक़ से गले लगता है।
कभी छिप कर परेशान करता है, तो कभी न मिलकर सताता है।
बड़ा नटखट है मेरा प्यार, बंद आँखों से नजर आता है।
आँखे खुलते ही निर्मोही, औझल क्यों हो जाता है ?

काश कभी मौका मिलता,
मुझको भी कभी धोखा मिलता। 
बहुत सुने है किस्से बेवफाई के,
एक मर्तबा तो, इश्क़ का तोहफा मिलता। 

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