चाहत कुछ पाने की, कुछ कर दिखाने की !!
मुझे मान चाहिए सम्मान चाहिए,
पैरो में धरती सर पर आसमान चाहिए,
ज्यादा नहीं मांगती मैं रब से,
मगर हौसलों भरी उड़ान चाहिए !!
पैरो में धरती सर पर आसमान चाहिए,
ज्यादा नहीं मांगती मैं रब से,
मगर हौसलों भरी उड़ान चाहिए !!
कहते सुना है की सब कुछ हासिल नहीं होता,
कुछ खोना तो कुछ पाना पड़ता है,
अपनों से रिश्ता हर हाल में निभाना पड़ता है ,
कभी खुद को रोते से हँसाना पड़ता है ,
तो कभी अकेले ही आंसू बहाना पड़ता है !
तो कभी अकेले ही आंसू बहाना पड़ता है !
मुश्किल नहीं है चुनौतियों की पूर्ति,
मुश्किल इस मन को मनाना पड़ता है,
कभी सर को आदर में झुकना पड़ता है,
तो कभी हाथ भी अपना उठाना पड़ता है !
मिश्रित मन की बातें है,
खुद को खुद की ढाल बनाना पड़ता है,
कभी खुद को खुद से हराना पड़ता है,
रहने दे मन तू क्या जाने दिल की ,
उस मासूम को पत्थर बनाना पड़ता है !
भावुकता भी बुरी, कटुता भी बुरी ,
खुद को पल पल तपाना पड़ता है,
बातों की मिश्री और आँखों की तपन को,
कई बार मुस्कराहट से दबाना पड़ता है !
जीवन गाड़ी है , और इसके कई पहलु,
हर पहलु को गले लगाना पड़ता है,
दुःख से दो दो हाथ हो,
तो सुख से हाथ मिलाना पड़ता है,
थको मत रुको मत यही तो है जीवन,
खुद को खुद ही बनाना पड़ता है !!
very heart touching poetry..... i like it
ReplyDeleteHeart touching
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