भ्रष्टाचार !!





अब भ्रष्टता की हद होने लगी है..

इंसानियत चंद सिक्को में खोने लगी है..

रोज़ कोई नेता - कोई कर्मचारी , सामने आता है..

देखो भारत की भूमि पर , कैसे दाग लगाता है ..!!


एक गरीब के पैसे से तुम अपना पेट क्यों भरते हो..
लालच की यह धुंध है केसी , जो भगवान से 
ना तुम डरते हो..
उन बिलखती आँखों के तुम , आंसू तो न पोछ सके..
खुद की खुदगर्जी में , भूके  बच्चो का न सोच सके..!!



माता पिता ने पढ़ा लिखाकर , तुमको अफसर बना दिया..

आज देखकर लगता है की , सबसे बड़ा एक गुनाह किया..
रिश्वत लेने से अच्छा  था , भिक्षा लेकर जी लेते..
मुह खोलकर मांगे पैसे , बेहतर होंठ तुम सी लेते..!!


लाखों का धन है तो भी , क्यों आज भिखारी बन बैठे..
काले धन की पूजा करके , जाने केसे तन बैठे..
भूल गए , बचपन में तुम भी, खिलौना देख रो देते थे..
आज कैसे , उन नन्हे हाथों से , खेलने का हक़ ले बैठे..!!


एक आदमी पेट काट कर , अपना घर चलाता है.. 
खून पसीना बहा बहा कर , मेहनत की रोटी  खाता है..  

खुद भूका सो जाये  पर , बच्चो की  रोटी लाता है..   
तू उनसे छीन निवाला , जाने कैसे जी पता है.. !!

Comments

  1. impressive....country really need such Voice...Keep it up....
    http://www.technoparadise.in

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  2. i might have commented this before on your other blog in the same context.. writing again --


    बर्बाद ऐ गुलिस्तान करने को एक ही उल्लू काफी होता है,

    जब हर शाख पे उल्लू बैठा हो, अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा ......

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  3. kya baat Prateek.. nice 1.. nd ya vry tru.. :)))

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